नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) इस साल मुद्रास्फीति नीति-निर्धारकों के लिए नयी तरह का सिर-दर्द लेकर आई। एक तरफ जहां महंगाई दर के तय लक्ष्य से नीचे रहने से आम उपभोक्ता खुश रहे तो दूसरी ओर विपक्ष ने कृषि उत्पादों के दाम में उल्लेखनीय गिरावट से किसान को हो रही दिक्कतों को लेकर सरकार को घेरा। आंकड़े दर्शाते हैं कि लगभग पूरे साल खुदरा एवं थोक मुद्रास्फीति लक्षित सीमा के भीतर रही लेकिन पेट्रोल एवं डीजल के आसमान छूते दाम ने लोगों को जरूर परेशान किया। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के तहत मापी जानी वाली खुदरा मुद्रास्फीति अधिकांश समय में पांच
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