नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को दावा किया कि रुपये की विनिमय दर में गिरावट विभिन्न वैश्विक कारकों का नतीजा है। इसमें व्यापार युद्ध तथा अमेरिका के आंतरिक नीति निर्णय का असर भी है। सरकार ने शुक्रवार को रुपये में गिरावट को थामने तथा बढ़ते चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगाने के लिये पांच सूत्रीय रणनीति की घोषणा की। उसके बाद रुपया सोमवार को डालर के मुकाबले 67 पैसे टूटकर 72.51 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 72.70 तक चला गया था। गत सप्ताहांत शुक्रवार को यह 71.84 पर बंद हुआ था। रुपये की विनिमय दर में गिरावट के सवाल पर जेटली ने कहा, ‘‘यह वैश्विक कारकों का नतीजा है। आपके पास वैश्विक रूप से कम-से-कम तीन संकेतक हैं, जो यह बताते हैं कि किस प्रकार की चीजें हो रही हैं।’’ इस बारे में मंत्री ने कहा कि तेल उत्पादन में कमी के कारण कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं। इससे मांग-आपूर्ति संतुलन बिगड़ा है। उन्होंने कहा कि साथ ही अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार युद्ध से भी एशियाई क्षेत्र में प्रमुख मुद्राएं प्रभावित हो रही हैं और क्षेत्र में उथल-पुथल है। जेटली ने कहा, ‘‘तीसरा कारण अमेरिका के आंतरिक निर्णय हैं जिससे डालर में और मजबूती आ रही है। इसलिये अगर आप यदि डालर सूचकांक को देखें, यह उल्लेखनीय रूप से मजबूत हुआ है और क्षेत्र की मुद्राओं पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा है।’’भाषा रमण महाबीरमहाबीर
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