मुंबई, 17 सितंबर (भाषा) राज्य विद्युत नियामक एमईआरसी ने महाराष्ट्र में कृषि में बिजली खपत का सटीक मूल्यांकन करने के लिए तीसरे पक्ष से जांच कराने का फैसला किया है। महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग (एमईआरसी) के सदस्य मुकेश खुल्लर के अनुसार, मूल्यांकन को पूरा करने में कम से कम एक वर्ष लगेंगे क्योंकि नियामक को विभिन्न कृषि मौसमों की बिक्री पर विचार करना होगा जहां ऊर्जा आवश्यकताओं में अंतर हो सकता है। खुल्लर ने मुंबई प्रेस क्लब द्वारा आयोजित एक सत्र में संवाददाताओं से कहा, "हमें लगता है कि राज्य बिजली वितरण कंपनी एमएसईडीसीएल से कृषि बिक्री पर प्राप्त आंकड़ों में विसंगतियां हैं। ऐसी बिक्री के सटीक मूल्यांकन को सुनिश्चित करने के लिए हमने एक समिति स्थापित करने का फैसला किया है जो तीसरे पक्ष के सत्यापन करेगा।" उन्होंने कहा, "हमें आशा है कि रिपोर्ट मार्च 2020 तक पूरी हो जाएगी।" आईआईटी बॉम्बे की एक विशेषज्ञ समिति के माध्यम से एमईआरसी के निर्देशों पर एमएसईडीसीएल के अध्ययन के बाद एक और समिति से इसका आकलन कराने की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर खुल्लर ने कहा, "बिजली वितरण कंपनी ने अभी तक रिपोर्ट जमा नहीं की है। हमने महसूस किया कि एमईआरसी के तत्वावधान में सीधे अध्ययन शुरू करने की आवश्यकता है। " उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का एक स्वतंत्र अध्ययन अधिक पारदर्शिता लाएगा, दायरे को सही तरीके से परिभाषित करेगा और बिक्री अनुमान को और मजबूत बनाएगा। खुल्लर ने कहा, "यह 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा।"भाषा राजेश राजेश रमणरमण
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