मुंबई, 18 सितंबर (भाषा) बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों को अपने दीर्घकालीन कर्ज का कम-से-कम 25 प्रतिशत हिस्सा बांड से जुटाना होगा। सेबी निदेशक मंडल ने इस बारे में नियम के संशोधित मसौदे को मंगलवार को मंजूरी दी। यह व्यवस्था एक अप्रैल 2019 से लागू की जा सकती है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि नए नियमों के तहत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को छोड़ कर अन्य कंपनियों को कुछ मानदंडों के आधार पर बड़ी कंपनियों के रुप में वर्गीकृत किया जाएगा। आज के निर्णयों के अनुसार
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