मुंबई, 18 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2022-23 तक अपने कुल कर्ज को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 40 प्रतिशत के बराबर रखने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है लेकिन राज्यों का के लिए कर्ज-जीडीपी अनुपात 20 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य प्राप्त कर पाना मुश्किल लग रहा है। एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गयी है। इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डी.के. पंत द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में राज्यों के एकीकृत कर्ज-जीडीपी अनुपात को 24.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य है। लेकिन उनके बजट के अनुसार 20 राज्यों में
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