इस्लामाबाद पाकिस्तान में सेना और पुलिस के बीच चल रहे टकराव और सिंध प्रांत में तनाव कम होता नहीं दिख रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तानी रेंजर्स के सिंध प्रांत के आइजी मुश्ताक मेहर के अपहरण और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सफदर अवान की गिरफ्तारी के पीछे देश के आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह का हाथ है। मंत्री पाकिस्तानी रेंजर्स की इन कार्रवाइयों का बचाव करते भी दिखे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी राजनेता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्रीय संस्थानों को निशाना बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। बताते हैं कि सिंध के आईजी पर पीएमएल-एन के नेता सफदर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मंत्री इजाज शाह ने दबाव बनाया था। क्योंकि पूरे विवाद की जड़ पाकिस्तानी रेंजर्स सीधे आंतरिक मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं। बता दें कि पाकिस्तान सरकार और सेना हाल ही में कराची की घटना को लेकर कड़ी आलोचना झेल रही हैं। नवाज शरीफ के दामाद की गिरफ्तारी का दबाव बनाने के बाद सिंध प्रांत के आईजी के अपहरण से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक लड़ाई छिड़ गई है, जिससे देश में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। सेना और पुलिस ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नवाज पर एक और केस, विपक्ष को इमरान ने चेताया था इस बीच पाकिस्तान की एंटी करप्शन बॉडी ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ नया मामला दर्ज करने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले ही अधिकारियों से भ्रष्टाचार के मामलों को जल्द से जल्द निपटाने का अनुरोध किया था। हाल में इमरान ने भाषण में कहा था कि विपक्षियों को अब ‘अलग मिजाज वाले इमरान खान’ का सामना करना पड़ेगा। उनके इस बयान को और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और अदालतों में मुकदमे चलाने की चेतावनी के तौर पर देखा गया था। उन्होंने अधिकारियों से भ्रष्टाचार के मामलों का तेजी से निपटान करने का भी अनुरोध किया था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सुप्रीमो 70 वर्षीय नवाज शरीफ को 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों में सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य करार दे दिया था, जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। वह फिलहाल इलाज के लिए लंदन में हैं। शरीफ के करीबी लोगों पर इमरान सरकार ने दर्ज कराई FIR समाचार पत्र 'डॉन' की खबर के अनुसार राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने शरीफ के पूर्व निजी सचिव फवाद हसन फवाद, पूर्व संघीय मंत्री एहसान इकबाल, पूर्व विदेश सचिव ऐजाज चौधरी और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व प्रमुख आफताब सुल्तान के खिलाफ मामले दर्ज करने को भी मंजूरी दे दी है। नैब के अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायाधीश जावेद इकबाल की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी बोर्ड की बैठक में कुल 11 मामले दर्ज करने को मंजूरी दी गई। नैब के अनुसार नवाज शरीफ, चौधरी, सुल्तान और फवाद के खिलाफ ये नए मामले विदेशी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिये अवैध रूप से 73 उच्च सुरक्षा वाले वाहन खरीदने के संबंध में दर्ज किये जाएंगे। वे पक्षपात और वाहनों के अवैध इस्तेमाल के आरोपी हैं, जिससे राष्ट्रीय खजाने को 1 अरब 95 करोड़ 20 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। ईबीएम ने निजी कंपनी अहमद एंड संस के ठेकेदार एहसान इकबाल और मलिक मोहम्मद अहमद के खिलाफ अधिकारियों से साठ-गांठ कर नरोवाल में स्पोर्ट सिटी परियोजना की लागत 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 करोड़ रुपये दिखाने के संबंध में मामला दर्ज करने की भी मंजूरी दी।
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