नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की बुधवार को होने वाली बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दिए जाने के निर्णय की पुष्टि में विलम्ब का मामला उठाया जा सकता है। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल ने पांच मार्च की बैठक में ईपीएफ पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी जो पहले से 0.15 प्रतिशत अंक कम है। न्यासी मंडल के अध्यक्ष श्रम मंत्री संतोष गंगवार है। ईपीएफ की यह प्रस्तावित दर सात साल की न्यूनतम दर होगी। केंद्रीय न्यासी बोर्ड के इस निर्णय को वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेज दिया गया था पर अभी तक वित्त मंत्रालय से उसका अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ है। वित्त मंत्रालय की सहमति से ही ईपीएफ पर वार्षिक ब्याज दर में संशोधन का फैसला लागू होता है। न्यास के एक सदस्य ने अपना नाम जाहिए न किए जाने की शर्त पर कहा कि ‘ हम ब्याज दर के अनुमोदन में विलम्ब का मुद्दा इस बैठक में उठाएंगे। केंद्रीय न्यासी मंडल इस बारे में निर्णय मार्च में ही कर चुका है। यह मुद्दा नौ सितंबर की बैठक की कार्यसूची में नहीं है पर हम इसे उठा सकते हैं।’ इसस पहले वर्ष 2018-19 के लिए ईपीएफ खाताधारकों को अपने जमा धन पर 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज मिला था।
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