अब कोरोना की चपेट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था! अगस्त में बढ़ी बेरोजगारी

नई दिल्ली एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार शहरी इलाकों के बजाय ग्रामीण इलाकों में कोरोना () के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में प्रभावित होने का डर है। अगर ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मामलों का बढ़ना जारी रहा तो इकनॉमी में रिकवरी को बड़ा झटका लग सकता है। गौरतलब है कि मार्च के मध्य में देशभर में लॉकडाउन होने से अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। इस दौरान जीडीपी 23.9 फीसदी घट गई। हालांकि, अनलॉक के दौर में इकनॉमी के जल्द पटरी पर लौटने की बात कही जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इसमें रूरल इकनॉमी में बढ़ती डिमांड अहम भूमिका निभाएगी। लेकिन अब एसबीआई की एक ताजा रिसर्च रिपोर्ट में चिंता फिर बढ़ा दी है। एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त महीने में अगर कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित 50 जिलों की बात करें तो इनमें से 26 ग्रामीण इलाके थे। इन जिलों में कोरोना के मामले तेजी से फैल रहे हैं। आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के ग्रामीण इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इनमें से 4 जिले ऐसे हैं, जिनका अपने राज्य की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट में योगदान 10 फीसदी से ज्यादा है। ऐसे में इन राज्यों में कोरोना के मामले ऐसे ही बढ़ते हैं तो इनकी इकनॉमी ग्रोथ में गिरावट आ सकती है। अगस्त में बढ़ी बेरोजगारी मनरेगा के तहत काम के मौके घटने और खरीफ सीजन में बुआई का काम खत्म होने के साथ अगस्त में गांवों में बेरोजगारी का आंकड़ा उछल गया। इसके चलते देशभर में एंप्लॉयमेंट रेट में काफी कमी आई। जुलाई में यह 37.6 फीसदी थी। अगस्त में 37.5 पर आ गई। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियनन इकनॉमी ने बताया कि बेरोजगारी दर बढ़कर 8.4 फीसदी हो गई है।


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