नई दिल्ली बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी () ने पिछले कई दशकों के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में हुई प्रगति को पलटते हुए लगभग 3.7 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल दिया है। फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस महामारी का वास्तविक प्रसार चाहे जितना रहा हो, लेकिन इसने आर्थिक रूप से प्रत्येक देश में व्यापक रूप से तबाही मचाई है। रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक अनुमान का हवाला देते हुए कहा गया है कि दुनिया भर में विकास को बढ़ावा देने के लिए 18,000 अरब अमरीकी डॉलर खर्च करने के बावजूद 2021 के अंत तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 12,000 अरब डॉलर या इससे अधिक कमी होगी। फाउंडेशन की वार्षिक ‘गोलकीपर्स रिपोर्ट’ में यह बात कही गई। यह रिपोर्ट मुख्य रूप से गरीबी को दूर करने और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का विश्लेषण करती है। भारत की तारीफ रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस संकट के दौरान भारत ने 20 करोड़ महिलाओं को नकदी हस्तांतरण किया और इससे न केवल भूख और गरीबी पर महामारी के असर को कम करने में मदद मिली, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिला। फाउंडेशन बिल गेट्स के सह-अध्यक्ष ने बताया कि भारत में आधार डिजिटल वित्तीय प्रणाली एक बार फिर मददगार साबित हुई। उन्होंने कहा कि डिजिटल नकद हस्तांतरण के जरिए भुगतान शानदार चीज है और जाहिर तौर पर भारत ने इसे उस स्तर पर किया, जैसा आज तक किसी दूसरे देश ने नहीं किया।
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