दीपशिखा सिकरवार, नई दिल्ली फ्रॉड के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव () बैंक से जुड़े घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) नजर रख रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और वित्त मंत्रालय ने पहले ही को-ऑपरेटिव बैंकों के कामकाज में सुधार के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि PMC से 25,000 रुपये के विदड्रॉल की लिमिट भी RBI बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा, 'डिपॉजिटर्स के हित और बैंक का रिवाइवल पहली प्राथमिकता है। RBI और वित्त मंत्रालय ने ऐसे बैंकों की निगरानी के लिए व्यवस्था कड़ी करने पर काम शुरू कर दिया है।' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इस मुद्दे पर RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ बातचीत की है। उन्होंने दास के साथ मुलाकात के बाद ट्वीट किया था, 'गवर्नर ने मुझे आश्वासन दिया है कि क्लाइंट्स और उनकी आशंकाओं को टॉप प्रायरिटी में रखा जाएगा। मैं दोहराना चाहती हूं कि वित्त मंत्रालय सुनिश्चित करेगा कि कस्टमर्स की आशंकाओं का समाधान किया जाए। हम उनकी परेशानियों को समझते हैं।' PMC बैंक के कुछ डिपॉजिटर्स ने पिछले सप्ताह मुंबई में सीतारमण से मुलाकात कर अपनी मुश्किलों की जानकारी दी थी। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बैंक के असेट्स और लोन कोलैटरल की समीक्षा की जा रही है। बैंक के किसी अन्य एंटिटी के साथ मर्जर सहित रिवाइवल के सभी विकल्पों पर विचार हो रहा है। RBI के लिए ग्रांट थॉर्नटन की ओर से फोरेंसिक ऑडिट किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि कोऑपरेटिव बैंकों और सोसाइटीज के कारण फाइनैंशल सेक्टर के लिए जोखिमों के मद्देनजर इनकी निगरानी को सख्त करना जरूरी है। RBI ने PMC बैंक को सभी बिजनेस ऐक्टिविटीज छह महीने के लिए बंद करने का ऑर्डर दिया है। इसके साथ ही बैंक के डिपॉजिटर्स के लिए 25,000 रुपये के विदड्रॉल की अधिकतम लिमिट तय की गई है। कैश विदड्रॉल की लिमिट तय करने का कारण मैनेजमेंट को बैंक की कैश होल्डिंग्स को बाहर निकालने से रोकना है। RBI के मौजूदा और पूर्व एंप्लॉयीज की दो कोऑपरेटिव सोसायटीज के PMC बैंक के पास लगभग 200 करोड़ रुपये जमा हैं। PMC बैंक के डिपॉजिटर्स कैश विदड्रॉल की लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। बैंक में फ्रॉड के विरोध में और विदड्रॉल लिमिट बढ़ाने की मांग को लेकर डिपॉजिटर्स ने प्रदर्शन भी किए हैं।
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