PMC घोटाला: घोस्ट अकाउंट छिपाए रखा 6500 करोड़ के स्कैम का राज

रश्मि राजपूत, मुंबई पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक के क्रेडिट डिपार्टमेंट के एंप्लॉयीज और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया () के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर की एक मीटिंग से भड़की चिंगारी ने 6500 करोड़ के घोटाले से पर्दा उठा दिया। कहा जा रहा है कि बैंक ने कथित तौर पर हाउसिंग डिवेलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड () के प्रमोटरों को कई विशेषाधिकार दिए हुए थे, जिनमें उन्हें पासवर्ड प्रोटेक्टेड 'मास्क्ड अकाउंट्स' ऑपरेट करने की इजाजत भी शामिल थी। इन लोन अकाउंट्स के जरिए बैंक के 70% से ज्यादा डिपॉजिटर्स की जमा रकम से ऐसे लोन सैंक्शन किए गए थे, जिसके रिपेमेंट की संभावना संदिग्ध थी। 30 सितंबर को गिरफ्तार हुआ था जॉय थॉमस सूत्रों ने बताया कि बैंक के अफसरों के खुलासे ने निलंबित मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस को सामने आकर घोटाले की बात कबूल करने पर मजबूर कर दिया। थॉमस ने बैंक की तरफ से HDIL ग्रुप को दिए गए लोन पर हुए डिफॉल्ट का खुलासा करते हुए RBI को कबूलनामे वाला पत्र लिखा। मुंबई पुलिस ने इन अधिकारियों का बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है। 30 सितंबर को FIR दर्ज होने तक लापता चल रहे थॉमस को मुंबई के उपनगरीय इलाके पवई में ढूंढ निकाला गया था। उन्हें बाद में मुंबई पुलिस की इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग (EOW) ऑफिस लाया गया, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 21 हजार अकाउंट्स की मास्किंग की गई थी थॉमस इस केस में गिरफ्तार होने वाले तीसरे आरोपी हैं। गुरुवार को HDIL के प्रमोटरों- राकेश और सारंग वाधवान को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसी बीच मुंबई की एक लोकल कोर्ट ने पिता और पुत्र दोनों को 9 अक्टूबर तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया। एक सूत्र ने कहा, 'इस मामले के व्हिसलब्लोअर्स में बैंक के क्रेडिट डिपार्टमेंट में काम करने वाली कुछ महिला कर्मचारी थीं। इन्हें उन 'घोस्ट अकाउंट' के बारे में पता था जिनके जरिए HDIL से जुड़े कम-से-कम 44 बॉरोअर्स को लोन बांटे गए थे। इन घोस्ट अकाउंट्स की मास्किंग 21,049 फर्जी खातों के जरिए की गई थी।' HDIL की 44 कंपनियों को सीमा से ज्यादा लोन बांटे गए बैंक के अफसरों ने बताया कि HDIL की 44 कंपनियों को दिए गए लोन की रकम RBI की तरफ से तय की गर्इ अधिकतम सीमा से ज्यादा थी, इसलिए इन लोंस को छोटे हिस्सों में बांट कर फर्जी कंपनियों के नाम कर दिया गया था। एक सूत्र ने बताया कि इसकी नोट शीट हाथ से तैयार करके रेगुलेटर्स के पास जमा कराई गई थी। सूत्र के मुताबिक, 'रियल्टर ग्रुप को पासवर्ड प्रोटेक्टेड मास्क्ड अकाउंट ऑपरेट करने की इजाजत पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह और एमडी जॉय थॉमस सहित बैंक के सीनियर मैनेजमेंट ने दी थी।' व्हिसलब्लोअर्स को पहले से गड़बड़ी के बारे में पता था सूत्र ने बताया, 'व्हिसलब्लोअर्स को वहां चल रही गड़बड़ी के बारे में पता था, लेकिन डर से उनके हाथ पैर फूल गए थे, इसलिए उन्होंने कुछ नहीं किया। कुछ साल बाद उन्होंने इसके बारे में RBI को बताया जिस पर थॉमस केस का खुलासा करने पर मजबूर हो गए।' पुलिस लोन की एवरग्रीनिंग और PMC के मास्क्ड लोन का इस्तेमाल रीयल्टी ग्रुप की तरफ से दूसरे बैंकों की देनदारी उतारने में किए जाने से जुड़े मामले की जांच कर रही है। जांच में फंड डायवर्जन के सबूत मिले आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में दाखिल रिमांड ऐप्लिकेशन के मुताबिक, 'फाइनैंशल स्टेटमेंट की शुरुआती जांच में मोटी रकम का फंड डायवर्जन और घपला होने की बात का पता चला।' वाधवान पिता-पुत्रों ने रिमांड ऐप्लिकेशन की सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि उन्होंने गुरुवार को सरकार और आरबीआई को पत्र लिखकर आरबीआई की तरफ से अप्वाइंटेड एडमिनिस्ट्रेटर के एडिशनल सिक्योरिटी मुहैया कराने के सुझाव मानने की बात कही है।


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