फैजान हैदर, नई दिल्ली दिल्ली के वसंत विहार में अपनी रेजिडेंशल कॉलोनी के रीडिवेलपमेंट के जरिए अपना कर्ज 4500 करोड़ रुपये घटाएगी। मामले से वाकिफ दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC) ने 30 एकड़ की जगह के मॉनेटाइजेशन की विस्तृत योजना पेश की है। 7000 करोड़ की उम्मीद अधिकारियों के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन कॉस्ट घटाने के बाद 4525 करोड़ रुपये का सरप्लस रहने की उम्मीद है। इस प्रॉजेक्ट से कुल 7000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने की संभावना है। 1700 फ्लैट्स की योजना योजना के तहत वहां 1700 फ्लैट्स वाली 14 मंजिला बिल्डिंग बनाई जाएगी। इसमें 960 फ्लैट आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए होंगे। इस एरिया में एक स्कूल और कम्युनिटी फसिलिटी का निर्माण भी किया जाएगा। NBCC के डायरेक्टर (प्रॉजेक्ट्स) नीलेश शाह ने कहा, 'अभी कॉलोनी में 810 फ्लैट हैं। 42 मीटर ऊंची बिल्डिंग बनाकर हम इतनी अतिरिक्त रकम का इंतजाम कर देंगे, जिससे एअर इंडिया को कर्ज घटाने में मदद मिलेगी। कॉलोनी का डिवेलपमेंट दो चरणों में किया जाएगा ताकि वहां रह रहे लोगों को एक बार में ही रीलोकेट न होना पड़े।' 111 प्रॉपर्टीज बेचने की योजना से नहीं बनी बात एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इंटर-मिनिस्ट्रियल नोट सर्कुलेट किया जा चुका है, जिसमें प्रस्ताव की जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि अब इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। दो साल पहले नकदी की तंगी से जूझ रही एअर इंडिया ने 111 प्रॉपर्टीज बेचने का कदम उठाया था और इनका कुल प्राइस टैग 9500 करोड़ रुपये रखा गया था। इसमें से वह अब तक केवल 32 को बेच सकी है, जिनसे करीब 1000 करोड़ रुपये उसे मिले हैं। 2011-12 में सरकार ने एअर इंडिया के लिए एक टर्नअराउंड प्लान बनाया था और उसे हर साल 500 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी बेचने को कहा था। हालांकि अधिकतर ट्रांजैक्शंस पिछले दो साल में ही हुए हैं। AI पर 59000 करोड़ का कर्ज एअर इंडिया पर 59000 करोड़ रुपये का कर्ज था। इसमें से सरकार ने 29400 करोड़ रुपये का कर्ज पिछले साल एअर इंडिया ऐसेट होल्डिंग्स को ट्रांसफर कर दिया था, जो एक स्पेशल परपज वीइकल है। 2018-19 में हुआ था जबर्दस्त घाटा सरकार अपनी गारंटी वाले बॉन्ड तीन चरणों में जारी कर कर्ज चुका रही है। वह बाकी 30000 करोड़ रुपये का कर्ज घटाकर आधा करने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। प्रॉपर्टी बेचने से मिली रकम भी एसपीवी में जाएगी। बता दें कि 2018-19 में एयरलाइन को 8400 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था।
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