सागर मालवीय/श्रीराधा डी बसु, मुंबई/कोलकाता कन्ज्यूमर प्रॉडक्ट्स बनाने वाली कई कंपनियों के टॉप मैनेजमेंट के परफॉर्मेंस को परखने में अब का इस्तेमाल घटाने के पैमाने का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। देश में 2022 तक को समाप्त करने का लक्ष्य है और इसमें कॉर्पोरेट जगत का योगदान महत्वपूर्ण होगा। कंपनियों के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स का पैकेजिंग इनोवेशन, बेहतर रीसाइक्लिंग और वेस्ट मैनेजमेंट के आधार पर मूल्यांकन किया जा रहा है। सीनियर मैनेजमेंट के मूल्यांकन में जोड़ा गया प्लास्टिक यूज ITC लिमिटेड के ग्रुप हेड (इन्वाइरनमेंट, हेल्थ ऐंड सेफ्टी) चितरंजन डार ने कहा, 'यह अब केवल रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट या पैकेजिंग डिविजन की जिम्मेदारी नहीं है। बिजनस का पर्यावरण के साथ तालमेल बनाए रखने और ऑइल या गैस के सही इस्तेमाल को लेकर पॉइंट पहले से थे। हमने अब सीनियर मैनेजमेंट के मूल्यांकन में प्लास्टिक को जोड़ा है।' ITC ने खोली पहली पहली मल्टी-लेयर पैकेजिंग कलेक्शन, रीसाइक्लिंग यूनिट स्नैक्स से लेकर पेपर तक के बिजनस से जुड़ी ITC ने महाराष्ट्र के पुणे में देश की पहली मल्टी-लेयर पैकेजिंग कलेक्शन और रीसाइक्लिंग यूनिट खोली है। वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कचरा बीनने वालों और रिसाइकल करने वालों की मदद ली जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से कई कंपनियां अपने कामकाज को पर्यावरण के अनुकूल रखने पर जोर दे रही हैं। वे अपने टॉप मैनेजमेंट को एनर्जी एफिशिएंसी, वेस्ट मैनेजमेंट, पर्यावरण के अनुकूल प्रॉडक्ट तैयार करने या जल संरक्षण पर आंक रही हैं। मैरिको के मैनेजिंग डायरेक्टर सौगत गुप्ता ने बताया, 'हम इन्वाइरनमेंटल, सोशल और गवर्नेंस के पहलुओं पर टॉप मैनेजमेंट के प्रदर्शन को देखते हैं। प्लास्टिक भी इसका हिस्सा है।' वेस्ट घटाने, रीसाइकल करने और दोबारा इस्तेमाल करने पर जोर वेलस्पन ग्रुप के डायरेक्टर राजेश पद्मनाभन ने कहा, 'सीनियर मैनेजमेंट को वेस्ट घटाने, रीसाइकल करने और दोबारा इस्तेमाल करने को कहा जाता है क्योंकि हम एक कम वेस्ट वाला बिजनस बनना चाहते हैं। वेस्टेज को परफॉर्मेंस के एक हिस्से के तौर पर देखा जाता है और यह व्यक्तिगत के साथ ही टीम के प्रदर्शन में भी जोड़ा गया है।' भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत 11 किलोग्राम है, जो 28 किलोग्राम के वैश्विक औसत से काफी कम है। कंपनियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के उपाय केंद्र सरकार बैग, कटलरी जैसे सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल सीमित कर देश में प्लास्टिक वेस्ट को घटाना चाहती है। हिंदुस्तान यूनिलीवर, हीरो मोटोकॉर्प और स्विगी जैसी कई कंपनियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के लिए उपाय किए हैं। डाबर इंडिया के डायरेक्टर (ह्यूमन रिसोर्सेज) ए सुधाकर ने बताया, 'हमारी पैकेजिंग डिवेलपमेंट टीम को इस पर भी आंका जाता है कि वे कैसे पैकेजिंग में प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करते हैं।' प्रॉक्टर ऐंड गैंबल और मॉन्डेलेज जैसी अधिकतर मल्टीनैशनल कंपनियां ग्लोबल लेवल पर भी ऐसा ही अजेंडा रखती हैं। कैडबरी डेयरी मिल्क चॉकलेट बनाने वाली मॉन्डेलेज का 2020 तक अपने पैकेजिंग मटीरियल में बड़ी कमी करने का लक्ष्य है।
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