दबाव में आए ऑनलाइन फूड डिलिवरी ऐग्रिगेटर्स, करेंगे बड़े डिस्काउंट से किनारा

रत्ना भूषण/पतंजलि पाहवा, नई दिल्ली/मुंबई जमैटो, स्विगी जैसे और डाइन-इन ऐग्रिगेटर्स अपने मेंबर्स को दिए जाने वाले मोटे डिस्काउंट सहित दूसरे ऑफर्स को वाजिब स्तर पर लाने को राजी हो गए हैं। पिछले दो दिनों में कई बैठकों के बाद एक रेस्टोरेंट असोसिएशन के प्रतिनिधियों ने ईटी को यह जानकारी दी। नैशनल रेस्टोरेंट असोसिएशन ऑफ इंडिया () के प्रेजिडेंट राहुल सिंह ने कहा, 'इस बात पर राजीनामा हुआ है कि सभी एग्रीगेटर अपने फीचर्स में बदलाव करेंगे जिससे रेस्टोरेंट कस्टमर इकोसिस्टम को बड़े डिस्काउंट की आदत से छुटकारा दिलाया जा सकेगा जिसने इंडस्ट्री को मुश्किल में डाल दिया है। डीप डिस्काउंट की फंडिंग ऐग्रिगेटर्स नहीं, रेस्टोरेंट इंडस्ट्री की तरफ से होती है। गेस्ट से मिलनेवाली सब्सक्रिप्शन फीस की आमदनी ऐग्रिगेटर्स रेस्टोरेंट के साथ शेयर नहीं करते।' लेट फाइल प्रपोजल भी होगा खत्म 1800 से ज्यादा मेंबर रेस्टोरेंट्स वाली असोसिएशन NRAI ने डीप डिस्काउंटिंग के खिलाफ #Logout अभियान चलाया जिसके तहत इन ऐग्रिगेटर्स की डाइन-इन सर्विसेज को पिछले छह दिनों से बंद किया गया था। इस अभियान की अगुआई NRAI ने की। मीटिंग में मौजूद लोगों के मुताबिक ने कहा है कि वह अपने गोल्ड मेंबरशिप प्रोग्राम में बदलाव करने पर विचार करेगी। इस प्रोग्राम के तहत कस्टमर्स को पार्टिसिपेटिंग रेस्टोरेंट की तरफ से एक डिश या दो ड्रिंक फ्री में मिलते हैं। गुड़गांव की यह फूड एग्रीगेटर 'जितना चाहो उतना खाओ' वाले प्रोग्राम जमैटो इनफिनिटी पर रोक लगा सकती है। एक सूत्र के मुताबिक जमैटो ने रेस्टोरेंट्स से यह भी कहा कि वह ऑर्डर लेने में देरी होने और डिलिवरी टाइम मिस होने पर लेट फाइन वसूल किए जाने का प्रपोजल भी वापस ले लेगी। कॉम्पिटिशन के कारण लॉयल्टी प्रोग्राम्स में हिस्सा इस खबर के बारे में जानकारी के लिए जमैटो को भेजी गई ईमेल का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया था। सूत्र ने कहा, 'NRAI सर्विसेज की अनबंडलिंग को लेकर भी ऐग्रिगेटर्स से बात करना चाहती है। वह चाहती है कि रेस्टोरेंट्स ऑर्डर की डिलिवरी खुद करने या उसके लिए फूड टेक्नॉलजी कंपनी के डिलिवरी फ्लीट का सर्विस लेने का ऑप्शन यूज करें।' मुंबई, दिल्ली, गुड़गांव, बेंगलुरु, कोलकाता, गोवा, पुणे और वडोदरा के रेस्टोरेंट्स डीप डिस्काउंटिंग के चलते अपने बिजनस मॉडल पर चोट लगने की दलील के साथ 15 अगस्त से फूड ऐग्रिगेटर्स और टेबल रिजर्वेशन सर्विसेज से अलग हो गए थे। रेस्टोरेंट्स का कहना था कि ऐसे लॉयल्टी प्रोग्राम से उनकी प्रॉफिटेबिलिटी में सेंध लगती है लेकिन वे कॉम्पिटिशन और दूसरों से पीछे रह जाने के डर से इसमें पार्टिसिपेट करते हैं।


from Latest Business News in Hindi - बिज़नेस खबर, बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times http://bit.ly/2KUEOZM
Previous Post
Next Post
Related Posts