नई दिल्ली, 29 मई (भाषा) राजधानी में दूध की आपूर्ति करने वाली सरकारी इकाई दिल्ली दुग्ध योजना (डीएमएस) को दीर्घकालिक पट्टे पर हासिल करने के लिए सहकारी संगठनों अमूल और नंदिनी की ओर से लगायी गयी बोलियां आरक्षित मूल्य से भी नीचे की मिलीं हैं। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार घाटे में चल रही इस इकाई को उबारने के लिये अब वैकल्पिक योजनाओं पर विचार कर रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2015 में डीएमएस को कंपनी का रूप देने के प्रस्ताव मंजूर किया था। इसके लिए इच्छुक इकाइयों से बोलियां आमंत्रित की
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