लंदन, 24 फरवरी (भाषा) ब्रिटेन की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी एमआई 5 की व्यवहार विज्ञान इकाई ने कहा है कि चरमपंथी विचारों वाले लोग आतंकवादियों को हमलों के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते सोशल मीडिया नेटवर्कों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह खुफिया इकाई मनोवैज्ञानिकों, मानवविज्ञानियों और मनश्चिकित्सकों सहित अपने दायरे को विस्तारित कर रही है। ये लोग चरमपंथियों के ऐसे ऑनलाइन विचारों की पहचान करते हैं जिनसे हमला हो सकता हो। इसने पाया है कि चरमपंथी गुमनाम रहकर टि्वटर और यू ट्यूब जैसे सोशल मीडिया नेटवर्कों के जरिए खुद के लिए एक तरह की वैधता ढूंढ़ लेते हैं। ‘द संडे टाइम्स’
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