दिल्ली के आर्थिक जानकारों और शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि टैक्स के सबसे बड़े स्रोत व्यापार और उद्योगों के स्तर पर हालात ठीक नहीं हैं और दिल्ली में जीएसटी कलेक्शन पिछले साल से भी कम हो रहा है। ऐसे में इस मद में सरकार 14 पर्सेंट ग्रोथ के लिए पूरी तरह केंद्रीय मुआवजे पर निर्भर है, जो कानूनन मिलना तय है।
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