नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) रीयल एस्टेट बाजार के बारे में परामर्श सेवा देने वाली कंपनियों ने बजट में इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने, मकानों पर जीएसटी का बोझ कम किए जाने तथा आवास रिण पर सालाना डेढ लाख रुपये तक के मूल धन के भुगतान पर आयकर में अलग से कटौती का प्रावधान करने की सिफारिश की है। रीयल एस्टेट क्षेत्र की सलाहकार कंपनी नाइट फ्रेंक ने आयकर कानून की धारा 80सी के तहत आवास रिण के मूल की वापसी पर अलग से डेढ लाख रुपये तक की कर छूट दिये जाने की मांग की
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