नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) राजीव महर्षि ने मंगलवार को बैंकों के मौजूदा एनपीए संकट में रिजर्व बैंक की भूमिका को लेकर सवाल उठाया है। महर्षि ने पूछा कि जब बैंक भारी मात्रा में कर्ज दे रहे थे जिससे सम्पत्ति व देनदारियों में असंतुलन पैदा हुआ तथा कर्ज फंस गए (एनपीए हो गए) तो बैंकिंग क्षेत्र का नियामक आरबीआई क्या कर रहा था? सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र की गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) यानी फंसा कर्ज 2017- 18 की समाप्ति पर 9.61 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। महर्षि
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