इंडस्ट्री के अधिकारियों एवं एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेग्युलेटर्स 1,500 छोटी-छोटी नॉन-बैंकिंग फाइनैंसल कंपनियों के लाइसेंस कैंसल कर सकते हैं क्योंकि इनके पास पर्याप्त मात्रा में पूंजी नहीं है। इसके साथ ही, अब नॉन-बैकिंग फाइनैंसल कंपनी के नए आवेदन भी मंजूर होने में मुश्किलें आएंगी।
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