(ललित के झा) वाशिंगटन, 18 सितंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि मुद्रास्फीति को संमायोजित कर के देखा जाए तो इस साल रुपये में प्रभावी गिरावट महज 6-7 प्रतिशत ही हुई है। यह घोषित गिरावट का लगभग आधा है। हालांकि आईएमएफ ने चेतावनी दी कि इसके चलते तेल एवं पेट्रोलियम उत्पादों जैसे आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ सकता है। आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा कि उभरते बाजारों समेत भारत के अधिकांश व्यापारिक भागीदार देशों की मुद्राएं भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे आकलन के हिसाब
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