नई दिल्ली का NFO गुरुवाार को खुल गया। सरकार इस महत्वाकांक्षी निर्गम के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) भारत बॉन्ड ईटीएफ के निर्गम का प्रबंधन कर रही है। भारत बॉन्ड ईटीएफ को हाल में मंजूरी मिली है। यह देश का पहला कॉर्पोरेट बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है। यूनिट आकार 1000 रुपये से शुरू एडलवाइस एएमसी ने कहा कि निवेशक इस ईटीएफ में सब्सक्रिप्शन ले सकते हैं। इसमें न्यूनतम यूनिट आकार 1,000 रुपये का है। यह निर्गम 20 दिसंबर को बंद होगा। ईटीएफ के जरिए एडलवाइस म्यूचुअल फंड ने शुरुआत में 3,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाने का प्रस्ताव किया है। इसमें तीन साल की परिपक्वता अवधि (2023) में 2,000 करोड़ रुपये का ग्रीन शू विकल्प होगा। इसके अलावा 10 साल (2030) की परिपक्वता अवधि में 4,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाएगी जिसमें 6,000 करोड़ रुपये का ग्रीन शू विकल्प मौजूद होगा। एक्सचेंज ट्रेडेड कोष सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के ट्रिपल-ए रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करेगा। तीन साल की परिपक्वता अवधि का ईटीएफ, निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स- अप्रैल, 2023 का अनुसरण करेगा जबकि दस साल की परिपक्वता अवधि का ईटीएफ, निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स-2030 का अनुसरण करेगा। पांच दिसंबर 2019 को निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स- अप्रैल 2023 पर प्राप्ति 6.69 प्रतिशत है जबकि निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स- अप्रैल 2030 पर 7.58 प्रतिशत है। निवेशकों को इंडेक्स में बदलाव का भी लाभ मिलेगा ईटीएफ न्यूनतम 1,000 रुपये में निवेशकों को उपलब्ध होंगे और इन ईटीएफ को रखने वाले निवेशकों को पूंजीगत लाभ के साथ ही इंडेक्स में आने वाले बदलाव का लाभ मिलेगा। वित्त मंत्रालय के तहत निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एडलवाइस ऐसेट मैनजमेंट कंपनी को भारत बॉन्ड ईटीएफ के डिजाइन और प्रबंधन का दायित्व सौंपा है। बॉन्ड ईटीएफ को मंत्रिमंडल की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चार दिसंबर को कहा था कि इस ईटीएफ के साथ हमें निवेशक आधार में विविधीकरण की उम्मीद कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर 1,000 अरब डालर की बॉन्ड ईटीएफ ऐसेट मैनेजमेंट के तहत हैं।
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