CCD में हिस्सा बेचने के लिए कोका कोला से फिर बातचीत

इंदुलाल पीएम/ के आर बालासुब्रमण्यम के मालिक कोका कोला को सीसीडी चेन में हिस्सेदारी बेचने के लिए दोबारा बातचीत शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इससे ग्रुप पर कर्ज का बोझ और घटाने में मदद मिलेगी। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ग्रुप की एक और कंपनी सिकल लॉजिस्टिक्स भी विनिवेश की योजना पर काम कर रही है। कॉफी डे ग्रुप के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ जून के आखिरी हफ्ते तक अमेरिकी बेवरेज कंपनी से सौदे के लिए बातचीत कर रहे थे। सिद्धार्थ का पिछले दिनों निधन हो गया था। यह डील इसलिए नहीं हो पाई थी क्योंकि कोका कोला 1,750 सीसीडी आउटलेट को चलाने वाली कंपनी में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदना चाहती थी, जबकि सिद्धार्थ इसमें छोटी हिस्सेदारी बेचकर कंट्रोलिंग स्टेक अपने पास रखना चाहते थे। सूत्रों ने यह भी बताया कि वह सौदे के लिए कॉफी चेन की कीमत 8,000-10,000 करोड़ रुपये लगाने की मांग कर रहे थे। यह भी पढ़ें: कोका कोला देश में तेजी से बढ़ रहे कैफे बिजनस में पांव जमाना चाहती है क्योंकि कार्बोनेटेड ड्रिंक के उसके मुख्य बिजनस में सुस्ती बनी हुई है। इस खबर के बारे में पूछे गए सवालों का कोका कोला इंडिया और कॉफी डे एंटरप्राइजेज (सीडीईएल) ने जवाब नहीं दिया। अगर यह सौदा होता है तो इससे कॉफी डे ग्रुप की वैल्यू बढ़ेगी, जिसे देश में स्टारबक्स का जवाब कहा जाता है। हालांकि, अभी यह ग्रुप वित्तीय दबाव का सामना कर रहा है। इससे पहले सीडीईएल ने दुनिया के सबसे बड़े ऑल्टरनेटिव ऐसेट मैनेजर ब्लैकस्टोन ग्रुप के साथ बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी पार्क, ग्लोबल विलेज टेक पार्क को 3,000 करोड़ रुपये में बेचने का समझौता किया था। सीडीईएल की इकाई सिकल लॉजिस्टिक्स भी कुछ संपत्तियां बेचने की कोशिश में है। इन सभी सौदों से जो पैसा मिलेगा, उसका इस्तेमाल कर्ज घटाने के लिए किया जाएगा। ग्लोबल विलेज डील पूरी होने के बाद सीडीईएल का कर्ज घटकर 1,000 करोड़ रुपये रह जाएगा। कंपनी ने पिछले शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंजों को यह जानकारी दी थी। इसमें बताया गया था, 'घटे हुए कर्ज का भुगतान कंपनी आसानी से कर सकती है।' कोका कोला और कॉफी डे के बीच जून में हुई बातचीत से वाकिफ एक सूत्र ने तब इकनॉमिक टाइम्स को बताया था कि सीडीईएल के मालिक कॉफी बिजनस के लिए बिक्री की पांच गुनी कीमत मांग रहे हैं। मार्च 2020 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में ग्रुप के कॉफी बिजनस से 2,250 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है। यह जानकारी कंपनी के एक आला अधिकारी ने दी है। इस बिजनस में कॉफी बीन के निर्यात का कामकाज भी शामिल है, जिससे वित्त वर्ष 2018 में 1,777 करोड़ और 2019 में 1,814 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी। देश भर में 1,750 कैफे कॉफी डे के स्टोर के अलावा कंपनी की 60 हजार वेडिंग मशीनें बी लगी हुई हैं। कंपनी के आउटलेट्स वियना, चेक रिपब्लिक, मलेशिया, नेपाल और इजिप्ट में भी हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सीसीडी और कोका कोला के बीच सौदा होता है तो इससे अमेरिकी बेवरेज कंपनी का बिजनस डायवर्सिफाई होगा। उनके मुताबिक, भारतीय अब अधिक चीनी वाली ड्रिंक बहुत पसंद नहीं कर रहे हैं। कोका कोला ने पिछले साल बिजनस को डायवर्सिफाई करने का ऐलान भी किया था। उसने 2018 में 5 अरब डॉलर में कोस्टा कॉफी को खरीदा था। सिद्धार्थ के परिवार के पास 12,000 एकड़ में कॉफी प्लांटेशंस भी हैं। जानकारों का कहना है कि भारत में कॉफी का बाजार अगले 10 साल में तीन गुना हो जाएगा क्योंकि यहां घर से बाहर कॉफी पीने का चलन बढ़ रहा है। सिद्धार्थ इस साल 29 जुलाई को लापता हो गए थे और इसके दो दिन बाद मेंगलुरु के पास से उनका शव बरामद हुआ था।


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